कच्ची घानी काले तिल का तेल

कच्ची घानी काले तिल का तेल

कच्ची घानी काले तिल का तेल का हमारे खान-पान में बहुत महत्‍व है। सर्दियों में तो इसका महत्‍व और भी ज्‍यादा बढ़ जाता है। सर्दियों में इसे खाने से शरीर को बहुत ऊर्जा मिलती है। सर्दियों के मौसम में कच्ची घानी काले तिल का तेल की मालिश करने से ठंड से बचाव होता है। तिल और मिश्री का काढ़ा बनाकर खांसी में पीने से जमा हुआ कफ निकल जाता है। इसी तरह से अगर किसी को बिच्छू ने काट लिया हो तो तिल के पत्ते को पीसकर डंक वाले स्थान पर लगाने से जहर उतर जाता है।




कच्ची घानी काले तिल का तेल से होते हैं यह फायदे:

कच्ची घानी काले तिल का तेल में कई तरह के पोषक तत्‍व पाये जाते हैं जैसे, प्रोटीन, कैल्शियम, बी काम्‍प्‍लेक्‍स और कार्बोहाइट्रेड आदि। प्राचीन समय से खूबसूरती बनाये रखने के लिए तिल का प्रयोग किया जाता रहा है। भारत में तिल दो प्रकार का होता है- सफेद और काला । आइए जानते हैं तिल के औषधीय गुणों के बारे में।



  • १. ठंड में तिल गुड़ दोनो समान मात्रा में लेकर मिला लें।उसके लड्डू बना ले। प्रतिदिन 2 बार 1-1 लड्डू दूध के साथ खाने से मानसिक दुर्बलता एंव तनाव दूर होते है। शक्ति मिलती है। कठिन शारीरिक श्रम करने पर सांस फूलना जल्दी बुढ़ापा आना बन्द हो जाता है। कच्ची घानी काले तिल का तेल के सेवन से व सिर में इसकी मालिश करने से न केवल बाल घने और चमकदार होते हैं बल्कि बालों का गिरना भी कम हो जाता है।

  • २. प्रतिदिन दो चम्मच काले तिल को चबाकर खाइए और उसके बाद ठंडा पानी पीजिए। इसका नियमित सेवन करने से पुराना बवासीर भी ठीक हो जाता है। बच्चा सोते समय पेशाब करता हो़ तो भुने काले तिलों को गुड़ के साथ मिलाकर उसका लड्डू बना लीजिए। बच्चे को यह लड्डू हर रोज रात में सोने से पहले खिलाइए, बच्चा सोते वक्त पेशाब नही करेगा।

  • ३. कच्ची घानी काले तिल का तेल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। वाइरस, एजिंग और बैक्टीरिया से शरीर की रक्षा करता है। इसीलिए ठंड में तिल के तेल का सेवन जरूर करना चाहिए। यदि सर्दी के कारण सूखी खांसी हो तो 4-5 चम्मच मिश्री एंव इतने ही तिल मिश्रित कर ले। इन्हे एक गिलास मे आधा पानी रहने तक उबाले। इसे दिनभर में तीन बार लें।एक स्टडी के मुताबिक ठंड में कच्ची घानी काले तिल का तेल का सेवन डायबिटीज के पेशेन्ट्स के लिए दवा का काम करता है।

  • ४. कब्ज होने पर 50 ग्राम तिल भूनकर उसे कूट लीजिए, इसमें चीनी मिलाकर खाइए। इससे कब्ज दूर हो जाती है। खांसी आने पर तिल का सेवन कीजिए खांसी ठीक हो जाएगी। तिल व मिश्री को पानी में उबाल कर पीने से सूखी खांसी भी दूर हो जाती है।

  • ५. रोज सुबह अच्छे से चबा चबाकर काले तिल खाने से दांत और मसुड़े स्वस्थ रहते हैं। अदरक वाली चाय में दो ग्राम तिल मिलाकर कुछ देर उबालें। इस चाय के सेवन से खांसी ठीक हो जाती है।

  • ६. तिल, सोंठ, मेथी, अश्वगंधा सभी बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें। रोज सुबह इस चूर्ण के सेवन से आर्थराइटिस की समस्या ठीक हो जाती है। ठंड में तिल के सेवन से कफ व सूजन से भी राहत मिलती है।

  • ७. कच्ची घानी काले तिल का तेल आर्युवेद के मुताबित पुरे भारत वर्ष में सबको लाभ दायी है।